नई दिल्ली। समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को विशेष सीबीआई अदालत ने 2000-01 के कथित रक्षा सौदे से जुड़े मामले में चार साल की सजा सुनाई। जया के अलावा पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरनाल और एस पी मरगई को जज वीरेंद्र भट्ट ने सजा सुनाई। विशेष अदालत ने तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और आज शाम पांच बजे तक आत्ममर्पण करने का आदेश दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने जया जेटली को राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी। अब इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होगी।

सीबीआई विशेष अदालत ने तीनों आरोपियों को हाथ से चलाए जाने वाले ‘थर्मल इमेजर्स’ की कथित खरीद के मामले में भ्रष्टाचार आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया। समाचार पोर्टल ‘तहलका’ द्वारा किए स्टिंग ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था।सीबीआई अदालत ने कहा कि आरोपियों ने सुरेंद्र कुमार सुरेखा (बाद में गवाह बन गए) के साथ मिलकर दिल्ली में दिसंबर 2000 और जनवरी 2001 के बीच आपराधिक साजिश की ।

अदालत ने कहा कि जेटली को एक फर्जी कंपनी वेस्टलैंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुअल से दो लाख रुपये की अवैध रकम मिली और मुरगई को 20,000 रुपये मिले। सेना से थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए रिश्वत ली गई। तीनों आरोपी जेटली, पचेरवाल और मुरगई को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा नौ (रिश्वत लेने, लोक सेवक के साथ अपने निजी प्रभाव का इस्तेमाल करने) के साथ आईपीसी की धारा 120 बी के तहत साजिश का दोषी करार दिया गया।

अदालत ने कहा कि अभियोग पक्ष द्वारा मुहैया कराए गए सबूत से यह साबित होता है कि 25 दिसंबर 2000 को होटल के कमरे में हुई बैठक में सुरेखा और मुरगई ने सैमुअल को रक्षा मंत्रालय से उसकी कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद के मूल्यांकन के लिए पत्र जारी करवाने का भरोसा दिया था। इसके साथ ही जया जेटली के साथ उसकी बैठक की व्यवस्था की ताकि राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त हो सके।

अदालत ने कहा कि यह सहमति बनी कि सैमुअल, सुरेखा और मुरगई को एक-एक लाख रुपये देगा जबकि इसके लिए जेटली को दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी। अदालत ने कहा, ‘‘ भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत प्रभाव का संबंधित अधिकारियों पर इस्तेमाल करते हुए गैर कानूनी तरीके से संबंधित उत्पाद के लिए मूल्यांकन पत्र हासिल करने के लिए उनके बीच समझौता हुआ।’’ अदालत ने आगे कहा, ‘‘तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में जया जेटली से सैमुअल का परिचय एक कारोबारी के तौर पर कराया गया जो रक्षा खरीद के बाजार में प्रवेश करने का इरादा रखते थे। ’’

अदालत ने कहा ‘‘सैमुअल ने जेटली को दो लाख रुपये की पेशकश की जो उन्होंने पचेरवाल को देने को कहा और इस तरह आरोपी पचेरवाल को रकम मिली, जो यह जानते थे कि यह घूस की रकम है। बदले में जेटली ने सैमुअल को आश्वस्त किया कि उनकी कंपनी का उत्पादन स्वीकृत नहीं होने पर वह साहेब (कथित तौर पर तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस) से इस संबंध में संबंधित अधिकारी को अनुरोध करने के लिए कहेंगी।’’