नई दिल्ली/गुवाहाटी। चुनावी नतीजे आए एक हफ्ते का समय बीत गया है लेकिन बीजेपी ने असम में अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे की तस्वीर साफ नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज विधायक दल की बैठक में हिमंत बिस्वा सरमा के नाम पर औपचारिक मुहर लग सकती है। हिमंत बिस्वा सरमा को ही बीजेपी ने राज्य की कमान सौंपने का निर्णय लिया है। 

आज विधायक दल की बैठक होनी है। इसमें केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर उपस्थित रहेंगे। इसी दौरान आज शाम को हिमंत बिस्वा सरमा की ताजपोशी की जाएगी। हालांकि मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार असम के वर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनावाल थे। लेकिन कल पार्टी हाई कमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली तलब किया जहां इन दोनों से गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा की थी। 

2016 में जब असम में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब सर्बानंद को ही बीजेपी ने मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया। चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने सर्बानंद को मुख्यमंत्री भी बनाया। लेकिन इस मर्तबा परिस्थिति बदल गई। मुख्यमंत्री बनने की रेस में हिमंत बिस्वा सरमा भी शामिल हो गए। लिहाज़ा बीजेपी ने इस मर्तबा चुनावों के दौरान अपने मुख्यमंत्री के चेहरे की तस्वीर साफ नहीं की।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मुख्यमंत्री का चेहरा सामने न रखना बीजेपी को फायदा पहुंचा गया। क्योंकि चुनाव से पहले सर्बानंद सोनावाल की सरकार के प्रति नाराज़गी और पार्टी में सोनावाल खेमे की तरफ से संभावित बगावत को देखते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे की तस्वीर साफ नहीं की। हालांकि सर्बानंद सोनावाल से मुख्यमंत्री का पद छीनने के बाद बीजेपी अपनी आंतरिक गुटबाजी की खाई को पाटने में कितना कामयाब हो पाएगी यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में है।