नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच आज केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकात हुई। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच सीधी बातचीत हो रही है, इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है, न ही ऐसा कोई मसला है जो मुझे सुलझाना है। अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात में सिर्फ यह अनुरोध किया कि वे इस मसले का समाधान जल्द निकालें क्योंकि यह मेरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। सीएम अमरिंदर सिंह ने मानसा और मोगा के उन दो किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है, जिनकी कृषि कानून के विरोधी आंदोलन के दौरान मृत्यु हो गई थी। 

किसान आंदोलन को देखते हुए अमित शाह और अमरिंदर सिंह की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही थी। पंजाब केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करने वाला सबसे पहला राज्य था। पंजाब विधानसभा में केंद्र के कानूनों के खिलाफ बाकायदा बिल भी पारित किया जा चुका है। किसान आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र भी पंजाब को ही माना जा रहा है।

खुद केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी रही पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने भी अपने राज्य के किसानों की नाराज़गी न झेलनी पड़े, इसलिए उसने एनडीए से अपने रास्ते अलग कर लिए। ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री से अमित शाह की मुलाकात इस आंदोलन का हल निकालने में मील का पत्थर का साबित हो सकती है। 

उधर किसान नेताओं और केंद्र सरकार की बातचीत से पहले बुधवार शाम को किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से जल्द से जल्द कृषि कानूनों को संसद का विशेष सत्र बुलाकर रद्द करने की मांग की थी। इस आंदोलन में अब किसानों को व्यापक जनसमर्थन मिलना भी शुरू किया है। महाराष्ट्र के किसान भी जल्द ही इस आंदोलन से जुड़ने वाले हैं। ऐसे में लगता है कि केंद्र सरकार अब पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी है।