नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT में दाखिला पाने के लिए छात्रों को बारहवीं में  75 फीसदी अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इस बार की आईआईटी की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को केवल बारहवीं पास होना जरूरी होगा। यह फैसला मानव संसाधन मंत्रालय ने कोरोना माहामरी के दौरान बारहवीं की सभी परीक्षाओं का आयोजन न हो पाने की वजह से लिया है। 



इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी है। निशंक ने शुक्रवार देर शाम  ट्वीट किया कि ' बारहवीं की कुछ परीक्षाओं के स्थगित होने की वजह से ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड ने आईआईटी की प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों को छूट देने के लिए 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता को इस वर्ष समाप्त करने का निर्णय लिया है।' निशंक ने कहा कि आईआईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले जिस किसी भी विद्यार्थी ने बारहवीं उत्तीर्ण की है। उसके अंकों के बनिस्बत इस दफा प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों को ही मानक के तौर पर माना जाएगा। 





 



ज्ञात हो कि देश भर में बारहवीं पास छात्रों के लिए इंजीनियरिंग पर प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। एनआईटी व आईआईटी में छात्रों का चयन ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होता है। यह दो भागों में आयोजित की जाती है। पहली परीक्षा जेईई मेंस होती है। जिसे उत्तीर्ण करने पर रैंक के आधार पर छात्रों को कॉलेज मिलते हैं। इसके साथ ही मेंस उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को एडवांस परीक्षा में बैठने का अवसर मिलता है। जिसे उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को आईआईटी में दाखिला मिलता है। पहले आईआईटी में दाखिला पाने के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण होने के साथ बारहवीं में अनिवार्य रूप से 75 फीसदी अंक लाने होते थे। जिसकी अनिवार्यता इस दफा नहीं होगी।



सितम्बर में आयोजित होनी है परीक्षा 



जेईई एडवांस की परीक्षा सितम्बर महीने की आखिरी में आयोजित की जानी है। इससे पहले यह परीक्षा मई महीने की 17 तारीख को आयोजित की जानी थी। लेकिन कोरोना के प्रकोप के कारण बाकी अन्य परीक्षाओं की तरह ही इस परीक्षाओं को अनिश्चित काल तक के लिए टाल दिया गया। पहले इस प्रवेश परीक्षा की तारीख 17 मई से बदलकर 23 अगस्त तय की गई। लेकिन हालात अब तक नियंत्रण में नहीं आ पाए हैं। ऐसे में इस परीक्षा की अगली तारीख 27 सितम्बर तय कर दी गई है।