लखनऊ। 
उत्तर प्रदेश में हाल में सम्पन्न विधान सभा चुनाव में आवारा मवेशियों का मुद्दा बहुत गरमाया हुआ था। यहाँ तक कि चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि चुनाव के बाद आवारा मवेशियों को लेकर सरकार एक नीति बनाएगी, जिससे कि किसानों को कोई परेशानी न हो। विपक्षी दलों ने भी छुट्टा घूम रहे मवेशियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। इन दिनों मैनपुरी के मुख्य विकास अधिकारी का एक पत्र खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने गोवंश पकड़ने को लेकर एक नई नीति बनाई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र के अनुसार प्रत्येक माह की 5, 15 और 25 तारीख को आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा, जिसमे शिक्षकों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहयोग करेंगे। 

मैनपुरी के मुख्य विकास अधिकारी का पत्र वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्विटर पर अधिकारी का पत्र शेयर करते हुए लिखा है कि आवारा मवेशियों की समस्या से निपटने का यही वह मास्टर प्लान था जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने चुनावों के दौरान किया था। 

ट्विटर पर एक यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देशभर में सरकारों को शिक्षकों को ऐसे उटपटांग कार्यों में नहीं लगाना चहिये। कुछ यूजर ने लिखा है कि जनगणना, इलेक्शन ड्यूटी, सरकारी सर्वे, सरकारी स्कीमों को लोगों तक पहुंचाने के काम में पहले ही अध्यापकों को उलझा दिया गया है। अब अगर शिक्षकों को आवारा मवेशियों को पकड़ने के काम में लगा दिया गया तब वो बच्चों को पढ़ाएंगे कब।