जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह की खबरों के बीच दिग्विजय सिंह के जयपुर दौरे से सियासी हलचल तेज हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दिग्विजय सिंह ने यहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मुलाकात की है। पायलट से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने सीएम हाउस जाकर अशोक गहलोत से भी मुलाकात की। पार्टी के भीतर चल रहे मतभेदों को खत्म करने की दिशा में इन मुलाकातों को अहम माना जा रहा है।



जानकारी के मुताबिक दिग्विजय सिंह जयपुर के खासाकोठी में ठहरे हुए हैं। यहीं सचिन पायलट उनसे मुलाकात करने पहुंचे। यहां बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी होटल पहुंचे। चूंकि, आज डोटासरा का जन्मदिन भी है, इसलिए सिंह ने उन्हें मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद सिंह ने पीसीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। दिग्विजय सिंह पीसीसी से सीधे सीएम हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने अशोक गहलोत से काफी देर तक चर्चा की। 





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दरअसल, बीते कई महीनों से सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थकों में खींचतनी जारी है। पायलट समर्थक उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह के दौरे को लेकर भी नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि, बताया जा रहा है नेतृत्व परिवर्तन तो नहीं बल्कि कैबिनेट विस्तार की संभावना है। नवरात्र में शपथग्रहण हो सकती है। सियासी जानकारों के मुताबिक कैबिनेट में पायलट कैम्प के समर्थकों को जगह देकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है। 



मुंद्रा पोर्ट ड्रग्स मामले में केंद्र सरकार को घेरा



दिग्विजय सिंह ने जयपुर दौरे के दौरान कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों को कठघरे में लाकर खड़ा किया। सिंह ने कहा कि 13 सितंबर 2021 को मुंद्रा पोर्ट पर तीन हजार किलो ड्रग्स बरामद हुए। इसके पहले 25 हजार किलो ड्रग्स आयात हुए। लेकिन बॉलीवुड में 200-300 ग्राम ड्रग्स की घटना को लेकर हफ्तों तक बहस करने वाली मीडिया आज 5 से 10 लाख करोड़ रुपए के ड्रग्स का खुलासा होने के बाद भी चुप है।





उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या देश में आज इससे बड़ा मुद्दा कुछ है? क्या मीडिया इस बारे में बीजेपी से प्रश्न करेगी। नौजवानों का भविष्य बिगाड़ा जा रहा है, क्या राष्ट्रीय चैनल इसपर बहस कराएंगे। सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि एनआईए की जांच पर हमें भरोसा नहीं है। उन्होंने मांग की है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज व रिटायर जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।