रांची। हरियाणा सरकार के बाद अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के निजी क्षेत्र की नौकरियों को स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने का मन बना लिया है। शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। इस प्रस्ताव में निजी क्षेत्र की 30 हज़ार तक का वेतन वाली नौकरियों में झारखंड के रहवासियों को 75 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। 

हालांकि इस प्रस्ताव पर औपचारिक मुहर लगना अभी बाकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री सोरेन अगले सप्ताह विधानसभा में यह प्रस्ताव सबके सामने रख सकते हैं। 17 मार्च को हेमंत सोरेन विधानसभा में इस आरक्षण नीति को सदन के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। 

हेमंत सोरेन सरकार से पहले हरियाणा सरकार भी यह फैसला कर चुकी है। लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने के लिए हेमंत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसके लाभार्थियों का पता लगाना है। झारखंड का निवासी किसे माने जाए इस पर राज्य में लंबे अरसे बहस छिड़ती आ रही है। इस चुनौती से निपटने के लिए सोरेन सरकार एक उप कमेटी बनाने पर विचार कर रही है। जो कि आरक्षण नीति के आधार पर झारखंडी होने की परिभाषा तय करेगी।