नई दिल्ली। पंजाब में मचे सियासी घमासान के बीच कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कन्हैया और जिग्नेश ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लिया है। दोनों ने कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।  



दोनों नेताओं ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती पर कांग्रेस की सदस्यता ली है। मंगलवार को दोनों नेताओं ने राहुल गांधी की मौजूदगी में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।आईटीओ स्थित भगत सिंह पार्क में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा।   इस दौरान हार्दिक पटेल भी मौजूद रहे। इसके बाद वे सभी कांग्रेस मुख्यालय की ओर लौट आए। कांग्रेस मुख्यालय पहुंच कर दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता का फॉर्म भरा। 





कन्हैया कुमार अब तक सीपीआई के सदस्य रहे थे। कन्हैया ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बेगुसराय सीट से गिरीराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। लेकिन वे यह चुनाव हार गए थे। वहीं जिग्नेश मेवाणी वर्तमान समय में गुजरात की वडगाम सीट से विधायक हैं। जिग्नेश मेवाणी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जिग्नेश ने निर्दलीय चुनाव जीता था।  



सिर्फ कांग्रेस ही दे सकती है इस देश को विकल्प 



कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने  के बाद कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस समय देश में जारी वैचारिक संघर्ष का एकमात्र विकल्प है। कन्हैया ने कहा कि कांग्रेस गांधी के विचारों पर चलने वाली पार्टी है। यह न सिर्फ देश की सबसे पुरानी पार्टी है, बल्कि सबसे लोकतांत्रिक पार्टी भी है। कन्हैया ने कहा कि इस देश को बचाने के लिए कांग्रेस को बचाना बेहद ज़रुरी है।