बेंगलुरु। कर्नाटक की भाजपा शासित सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी एक बार फिर विवादों में घिर गए गए हैं। येदियुरप्पा सरकार में मंत्री उमेश कट्टी ने पीडीएस के तहत अधिक चावल मांगने वाले किसान को मर जाने की सलाह दे डाली है। मंत्री और किसान के बीच बातचीत का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ऑडियो वायरल होने के बाद मंत्री की काफी आलोचना हो रही है। 

दरअसल उत्तरी कर्नाटक के गडग के रहने वाले एक किसान ने राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी को फोन लगाया था। किसान का कहना था कि राज्य में लॉकडाउन लग गया है। लेकिन राज्य सरकार जन वितरण प्रणाली के यह दो किलो चावल ही मुहैया करा रही है। किसान ने मंत्री से कहा था कि अगर ऐसी स्थिति रही तो हम तो भूखे मर जाएंगे, इस पर मंत्री ने कहा कि मर जाओ लेकिन मुझे दोबारा फोन मत करना। 

मंत्री के इस बयान के वायरल होने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उमेश कट्टी के इस बयान की निंदा की। इसके साथ ही डीके शिवकुमार से मंत्री को तत्काल कैबिनेट से हटाने की भी मांग की। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने कट्टी के बयान को खारिज करते हुए कहा है कि किसी भी मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। 

लेकिन खुद उमेश कट्टी ने जिस तरह से अपने बयान का बचाव किया है, वो एक मंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के लिए और भी असंवेदनशील है। मंत्री से उनके बयान पर जब पत्रकारों ने स्पष्टीकरण मांगा, तब कट्टी ने कहा कि किसान मुझसे कह रहा था कि क्या मैं मर जाऊं? तो मुझे क्या कहना चाहिए था? इस पर पत्रकारों ने मंत्री से कहा कि आप किसान का ढांढस बढ़ा सकते थे। आप कह सकते थे कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ है। इस पर मंत्री ने कहा कि यह सब मुझसे नहीं होगा, मैं इतने बड़े दिल का आदमी नहीं हूं। 

यह पहली बार नहीं है जब उमेश कट्टी इस तरह के किसी विवाद में फंसे हों। हाल ही में कट्टी ने कहा था कि जिन परिवारों के पास टीवी और दो पहिया वाहन हैं वे सभी बीपीएल की सूची से अपना नाम हटवा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। मंत्री ने इसके लिए बाकायदा 31 मार्च तक की डेडलाइन भी दे डाली थी। मंत्री के इस बयान के बाद जब राज्य में बवाल मचा तब केन्द्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को खुद कहना पड़ा था कि मौजूदा वक्त में घर में रेफ्रीजरेटर और टीवी होना सामान्य बात है।