नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को होने वाले टी-20 मैच में दखल से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। 4 एलएलबी छात्राओं की याचिका में पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए पाकिस्तान के साथ मैच को रोकने की मांग की गई थी। उनकी वकील ने कोर्ट से तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ताओं के लिए पेश वकील ने रविवार को मैच होने का हवाला देते हुए तुरंत सुनवाई को जरूरी बताया। हालांकि, जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच इससे सहमत नहीं हुई। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि अगर मैच रविवार को है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? उसे होने दीजिए। इतनी जल्दी क्या है?
सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई थी उसे उर्वशी जैन, श्रेया रॉय, आयुषी द्विवेदी और जाह्नवी तोमर नाम की एलएलबी छात्राओं ने दाखिल किया है। याचिकाकर्ताओं ने पहलगाम आतंकी हमले समेत दूसरी घटनाओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान के साथ मैच को राष्ट्रीय भावनाओं का मजाक बताया।
याचिका में कहा गया है कि यह मैच राष्ट्रीय हितों और सशस्त्र बलों के मनोबल को नुकसान पहुंचाने वाला है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में दर्जनों लोग मारे गए। फरवरी और मई 2025 के बीच पाकिस्तानी सेना ने कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। ऐसे में यह मैच गलत संदेश भेजता है कि भारत उस देश के साथ खेल रहा है जो आतंकवादियों को शरण देता है। हालांकि, न्यायालय ने मामले पर तत्काल हस्तक्षेप से साफ इनकार कर दिया।
बता दें कि केंद्र सरकार 21 अगस्त को भारत-पाक मैच कराने की अनुमति दे दी थी। सरकार ने कहा- मल्टीनेशनल टूर्नामेंट में पाकिस्तान से खेलने पर रोक नहीं है। दोनों देशों में द्विपक्षीय सीरीज नहीं होगी।