नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए को साथ छोड़कर चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। चिराग पासवान की पार्टी अब टूट की कगार पर पहुंच चुकी है। चिराग पासवान के खिलाफ पार्टी के लोकसभा के सभी सांसदों ने बिगुल फूंक दिया है। एलजेपी के पांचों सांसदों ने लोकसभा में चिराग को अपनी पार्टी का नेता नहीं माना है।

दरअसल लोकसभा में चिराग पासवान समेत लोक जनशक्ति पार्टी के 6 सदस्य हैं। चिराग के अलावा बाकी पांचों सांसदों ने बगावती रुख अपनाते हुए लोकसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे चिराग पासवान को अपना नेता नहीं मानते हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा है वे सदन में हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति पारस को अपना नेता मानते हैं। यह सभी बागी सांसद जदयू का दामन थाम सकते हैं। सांसदों के नेता पशुपति पारस चिराग पासवान के चाचा हैं। 

लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत के सुर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही उठना शुरू हो गए थे, जब चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का मन बनाया था। चुनाव में बीजेपी के कई नेता टिकट न मिलने की वजह से चिराग की पार्टी पर चुनाव तो लड़े। लेकिन चुनाव हारने के बाद उन्होंने एलजेपी से खुद को अलग कर दिया। विधानसभा में एलजेपी का एकमात्र विधायक की चुनकर आया। अब उस एकमात्र विधायक के भी एलजेपी छोड़ने की चर्चा है।