हरियाणा के IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले में अब बड़े एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है। विदेश से लौटने के बाद आईपीएफ ऑफिसर की पत्नी IAS ऑफिसर अमनीत पी कुमार ने मामले की शिकायत पुलिस से की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी सहित कई अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब इस मामले में डीजीपी, रोहतक एसपी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।

मामले में वरीय अधिकारियों पर FIR दर्ज होने के बाद अब उन्हें पद से हटाते हुए जांच के दायरे में लाने की कवायद तेज हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार मामले में चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज होने के बाद हरियाणा सरकार में तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं। मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर से मिलने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 1993 बैच के IPS ऑफिसर आलोक मित्तल को मिलने के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाया जा सकता है।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर की जगह पर 1993 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को हरियाणा पुलिस की कमान सौंपी जा सकती है। बताया गया कि पूरन कुमार के सुसाइड नोट में जिन-जिन अधिकारियों के नाम थे, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। चंडीगढ़ पुलिस ने भी वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में एफआईआर दर्ज कर लिए जाने की पुष्टि की है।

हरियाणा के IGP पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में भारतीय न्याय संहित की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ा है। साथ ही इस मामले में SC-ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। FIR के बाद अब डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

इससे पहले गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान अमनीत ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत और पति के सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।