कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम का संग्राम अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की जीत को अवैध करार दिया है। टीएमसी चीफ ने अधिकारी की जीत को कोलकाता हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ममता बनर्जी ने अपनी याचिका में अधिकारी के चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग की है। ममता की याचिका पर न्यायालय में आज सुनवाई होगी।

टीएमसी चीफ ने अधिकारी के चुनाव को अमान्य करने के लिए तीन आधार दिए हैं। इनमें भ्रष्ट आचरण, रिश्वतखोरी, घृणा और शत्रुता को बढ़ावा देने, धर्म के आधार पर पर वोट मांगने, पोलिंग बूथ पर कब्जा करने सहित मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां और फॉर्म 17सी में विसंगतियां और गैर-अनुपालन शामिल है।

ममता बनर्जी ने दोबारा मतगणना के लिए उनकी अपील को खारिज करने के चुनाव आयोग के फैसले पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है की शुभेंदु अधिकारी कई भ्रष्ट आचरणों में लिप्त हैं, जिसने उनकी जीत की संभावनाओं को बढ़ाया है। ममता के वकिल संजय बोस ने कहा कि उन्होंने नंदीग्राम चुनाव को रद्द करने की मांग की है। मामला तीन दिन पहले दायर किया गया है और शुक्रवार को जस्टिस कौशिक चंदा इसपर सुनवाई करेंगे।

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दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को उनके करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नंदीग्राम से चुनाव हरा दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के बाद यह आरोप लगाया था कि काउंटिंग में धांधली की गई है। टीएमसी ने नंदीग्राम सीट पर दोबारा काउंटिंग की मांग किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था। नंदीग्राम में हार के बाद ही सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट में जाएंगी।