नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन निर्माण कार्य के बीच अब चर्चा है कि सांसदों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी। कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी ने दावा किया है कि केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा में सांसदों की संख्या बढ़ाकर एक हजार करने वाली है। तिवारी के इस दावे के बाद सांसदों की संख्या और जनगणना को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है।



मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे बीजेपी के पार्लियामेंट्री साथियों ने विश्वसनीय रूप से बताया है कि 2024 आमचुनाव से पहले लोकसभा की संख्या बढ़ाकर 1000 या उससे अधिक करने का प्रस्ताव है। एक हजार सीटों वाले नए संसद कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। ऐसा करने से पहले एक गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए।' 





दाक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम होगा- चिदंबरम



मनीष तिवारी के ट्वीट पर कार्ति पी चिदंबरम ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि, 'इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की जरूरत है। भारत जैसे बड़े देश को अधिक प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों की जरूरत है, लेकिन यदि यह बढ़ोतरी जनसंख्या के आधार पर होती है तो इससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा जो स्‍वीकार्य नहीं होगा।'



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संभावित 1200 सीटें



मनीष तिवारी ने ट्वीट कर 1200 सीटों की राज्यवार सूची भी जारी किया है। ये सूची प्रवीण चक्रवर्ती ने बनाया है। इसके मुताबिक मध्य प्रदेश में वर्तमान में 29 लोकसभा सीटें हैं उसे बढ़ाकर 68 कर दिया जाएगा। तिवारी ने इस सूची में तमिलनाडु को सबसे बड़ा लूजर करार दिया है। 





वर्तमान समय में लोकसभा में अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं। इसमें राज्यों से 530 और केंद्र शासित प्रदेशों से 20 सदस्यों का चयन किया जाता है। इसके अलावा एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते है। इसके पहले साल 1977 में 1971 के जनसंख्या के आधार पर लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी।