मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को मराठा आरक्षण पर मुहर लग गई है। विधानसभा से यह बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया है। इस बिल में 10 फीसदी मराठा आरक्षण की सिफारिश की गई है। इससे मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा।

अब यह बिल विधान परिषद में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी। मराठा आरक्षण को लेकर आज विधान परिषद का विशेष सत्र आयोजित किया गया है। इस सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा आरक्षण को मंजूरी देना है।

बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक, सरकार ने मराठा समुदाय को 10 फीसदी हिस्सेदारी दी है। विधेयक के मसौदे के अनुसार, आयोग ने 16 फरवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। बता दें कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल, जालाना जिले के अंतरवाली सारती गांव में लंबे समय से भूख हड़ताल पर हैं। यही वजह है कि सरकार ने ये विशेष सत्र बुलाया है।

सीएम एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बिल पेश करते हुए कहा था कि इसमें महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव है। मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए मैंने शिवाजी महाराज की सौगंध ली थी। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर मराठा समाज की भावना तीव्र है। पीएम मोदी का एक मूल मंत्र है 'सबका साथ सबका विकास', उसी भावना को लेकर हमारी सरकार भी आगे बढ़ रही है। सीएम शिंदे ने कहा कि किसी भी समाज को भावना को ठेस न पहुंचाते हुए मराठा समाज को आरक्षण देने कि फैसला हमारी सरकार ने किया है।