नई दिल्ली। इस साल शिक्षण संस्थानों में एडमिशन और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश पारित किया है। साथ ही मामले को एक बड़ी बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया है। अंतरिम आदेश जस्टिस एन एल राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने दिया है। कोर्ट ने टिप्पणी की एक बड़ी बेंच मराठा समुदाय को मिलने वाले आरक्षण की वैधता का निर्धारण करेगी।

हालांकि, तीन सदस्यीय बेंच ने यह भी कहा कि जिन लोगों को इस आरक्षण से पहले ही लाभ मिल चुका है, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि 2018 में महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने के लिए कानून बनाया गया था।

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कानून के तत्काल बाद बंबई हाई कोर्ट में इसके खिलाफ सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट ने आरक्षण को बरकरार रखा। हालांकि, यह आदेश भी दिया कि 16 प्रतिशत आरक्षण बहुत अधिक है और इसे घटाकर सरकारी नौकरियों के लिए 12 एवं शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए 13 प्रतिशत किया जाना चाहिए।