नई दिल्ली। अगर अब किसी छात्र को भारत में इंजीनियर बनना है तो उसके लिए बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमैटिक्स यानी संक्षेप में PCM कहे जाने वाले तीनों विषय पढ़ना अनिवार्य नहीं होगा। छात्रों के बीच के पीसीएम पढ़े बिना ही कोई छात्र अब न सिर्फ इंजीनियरिंग में अपना दाखिला करवा सकेगा, बल्कि उसके पास इंजीनियरिंग की डिग्री भी होगी। यह निर्णय खुद देश भर में इंजीनियरिंग के कोर्स पर निगरानी रखने वाले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने लिया है। हालांकि यह निर्णय इंजीनियरिंग के हर विषय पर लागू नहीं होगा।  

दरअसल शुक्रवार को AICTE ने अपनी हैंडबुक जारी किया। इस दौरान संस्था के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे ने पत्रकारों को नयी शिक्षा नीति के तहत लिए गए बड़े फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तकनीकी शिक्षा परिषद ने निर्णय किया है कि इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए छात्रों को अनिवार्य रूप से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की पढ़ाई नहीं करनी होगी। बाद में परिषद के इस निर्णय पर विवाद होने के बाद सहस्त्रबुद्धे ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल चुनिंदा विषयों पर लागू होगा। इनमें बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग शामिल हैं। इंजीनियरिंग के बाकी विषयों की पढ़ाई करने के लिए पीसीएम की अनिवार्यता पहले की तरह बनी रहेगी। 

इसके साथ ही सहस्त्रबुद्धे ने यह भी साफ किया है कि इस बदलाव को अपनाने के लिए किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज को बाध्य नहीं किया जाएगा। इसे महज़ एक विकल्प के तौर पर सामने लाया गया है। सहस्त्रबुद्धे ने स्पष्ट किया कि तमाम कॉलेज अगर चाहें, तो इन सभी कोर्सेज़ में पहले की तरह ही दाखिला लेना जारी रख सकते हैं।