लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश के आगामी विधान परिषद चुनाव समेत किसी भी चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने को तैयार हैं। मायावती ने ये बात राज्यसभा चुनाव में अपने सात विधायकों की बगावत के बाद कही। उन्होंने बीएसपी के इन बागी विधायकों को पार्टी से निलंबित करने का एलान भी किया है।



राज्यसभा चुनाव में बगावत करके समाजवादी पार्टी का साथ दे रहे बीएसपी के इन निलंबित विधायकों के नाम हैं - असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)।

राज्यसभा चुनाव के दौरान इन सात विधायकों के समाजवादी पार्टी के खेमे में चले जाने से बीएसपी के प्रत्याशी का नामांकन खतरे में पड़ गया था। लेकिन अब बताया जा रहा है कि बहनजी ने बीजेपी के समर्थन से उनके चुने जाने का इंतज़ाम कर लिया है।



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीएसपी के इस बीजेपी समर्थक अंदाज़ पर तंज़ किया है। उन्होंने मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है, "इसके बाद भी कुछ बाकी है?" वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी प्रियंका गांधी के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए चुटकी ली है। दिग्विजय सिंह ने लिखा है, "ना, बिल्कुल नहीं बचा प्रियंका जी। सब जग ज़ाहिर है प्रियंका जी और अब सब जानते हैं।"



 





 



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इन बागी विधायकों को सस्पेंड करने के एलान के साथ ही मायावती ने ये भी बताया कि भविष्य में होने वाले विधान परिषद चुनाव समेत किसी भी चुनाव में अब उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को हराने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। इसके लिए बीजेपी का समर्थन करने में भी बीएसपी को कोई हिचक नहीं होगी। इसके साथ ही मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान हुए सपा-बसपा गठबंधन को भी बड़ी गलती कहा है। आपको याद दिला दें कि मायावती के लिए बीजेपी से हाथ मिलाना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले वे बीजेपी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार भी बना चुकी हैं।