चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके को मिली भारी जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है। बता दें स्टालिन गृह विभाग के अलावा सार्वजनिक व सामान्य प्रशासन समेत अखिल भारतीय सेवाएं व अन्य विभाग की कमान संभालेंगे।

स्टालिन के साथ 33 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। पी के सेकरबाबू, एस एस नसर, चेन्नई के पूर्व मेयर सुब्रमण्यन, द्रमुक पूर्व सचेतक और सखापानी, पी मूर्ति, आर गांधी, एस एस शिवशंकर, पलानीवेल त्यागराजन, अनिबल महेश मोय्यामोजी, शिवा वी मयनाथन, सीवी गणेशन और टी मनो थांगराज हैं। मंत्रिमंडल में दो महिला प्रतिनिधि भी शामिले हैं पूर्व मंत्री गीता जीवन और एन क्लायविजी सेल्वराज को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। 

 

बुधवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 68 वर्षीय स्टालिन को राजभवन में आयोजित साधारण शपथ ग्रहण समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई स्टालिन पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। विपक्षी अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम, कांग्रेस के पी चिदंबरम समेत गठबंधन के नेता, एमडीएमके अध्यक्ष वाइको और राज्य के शीर्ष अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

शपथ ग्रहण समारोह कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए आयोजित किया गया, सभी जनप्रतिनिधियों ने मास्क लगाया हुआ था। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। बता दें 234 सदस्यीय विधानसभा में डीएमके ने अकेले 133 सीटों पर जीत हासिल की हैं। पहली बार विधायक बने स्टालिन के बेटे उधयनिधि का नाम मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में कई दशकों बाद पहली बार करुणानिधि और जयललिता की गैरमौजूदगी में चुनाव हुए हैं। ऐसे में DMK के इस प्रदर्शन से स्टालिन इन दो दिग्गजों के बाद राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित हो जाएंगे। करुणानिधि और जयललिता दोनों ही राजनीति के साथ फिल्मों के भी सितारे रहे थे। ऐसे में स्टालिन को द्रविड़ राजनीति का पहला गैर फिल्मी हीरो माना जा रहा है।