नई दिल्ली। मोदी सरकार ने खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान का नाम बदलने का इरादा किया है। खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान का नाम बदलने की तैयारी की जा रही है। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जाएगा। 



अवॉर्ड का नाम बदले जाने की घोषणा खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की है। प्रधानमंत्री मोदी ने अवॉर्ड का नाम बदले जाने के पीछे लोगों द्वारा किए गए आग्रह का हवाला दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह दावा किया है कि उन्हें काफी लोगों ने इस अवॉर्ड का नाम बदलने के लिए आग्रह किया था, जिसके बाद उन्होंने और उनकी सरकार ने इस अवॉर्ड का नाम बदलने का मन बनाया है।



प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर अवॉर्ड का नाम बदले जाने की घोषणा करते हुए कहा, 'देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!' 





राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत में आईटी क्रांति के जनक कहे जाने वाले राजीव गांधी के नाम पर था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद 1991-92 में खेल रत्न अवॉर्ड की जब शुरुआत हुई, तब इसे दिवंगत प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया। लेकिन अब मोदी सरकार ने इस नाम को बदलने का फैसला किया है। मोदी सरकार के इस फैसले पर विवाद बढ़ने वाला है।



 सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना भी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध में लोग कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने पुरस्कार का नाम हॉकी के जादूगर के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए नहीं बल्कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है।