मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित पांच वार्डों के 1,644 लोगों पर किए गए सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक 51.5 प्रतिशित नमूनों में सार्स-कोव-2 के संक्रमण से लड़ने में सक्षम एंटीबॉडी मिले हैं। सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण (रक्त नमूने की जांच) शरीर में खास तरीके की एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया जाता है और इसका इस्तेमाल आबादी में संक्रमण् के प्रसार का आकलन करने के लिए किया जाता है।

सर्वेक्षण में कुल 3.66 लाख आबादी वाले पांच वार्ड के 1664 लोगों (सभी की उम्र 18 साल से अधिक) को चुना गया। सर्वेक्षण का कार्य भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) ने पुणे नगर निगम, सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, फरीदाबाद स्थित ट्रांसलेशन स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर कर किया।

पुणे के संभागीय आयुक्त सौरभ राव ने कहा कि यह सर्वेक्षण व्यापक नहीं है और दो और सर्वेक्षण अधिक नमूनों के साथ किए जाएंगे।

आईआईएसईआर में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरुणब घोष ने कहा कि 52.8 प्रतिशत पुरुषों और 50.1 प्रतिशत महिलाओं के रक्त में कोविड-19 के वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिले।

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक अपार्टमेंट और बंगलों में रहने वालों के मुकाबले झोपड़ियों और किराए के मकानों में रहने वाल लोग अधिक सीरो पॉजिटिव मिले।

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में जिन 1,664 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए वे या तो बिना लक्षण वाले थे या लक्षण थे लेकिन उनकी कोविड-19 जांच नहीं की गई थी। ये सभी लोग यरवदा, सबा पेठ, रास्ता पेठ, लोहिया नगर (केसेवाडी) और नवीपेठ (पार्वती) के रहने वाले थे जहां पर कोविड-19 के सबसे अधिक मामले आए हैं।

सर्वेक्षण में शामिल लोगों के खून के नमूने 20 जुलाई से पांच अगस्त के बीच लिए गए।

सर्वेक्षण के मुताबिक साझा शौचालय इस्तेमाल करने वाले 62.3 प्रतिशत लोग सीरो पॉजिटिव आए जबकि स्वतंत्र शौचालय इस्तेमाल करने वाले 45.3 प्रतिशत लोगों में ही कोविड-19 के प्रतिरोधी एंटीबॉडी मिला।

गौरतबल है कि सोमवार को पुणे में कोविड-19 के 1,829 नये मरीज सामने आए जिन्हें मिलकार जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 1,27,026 हो गई है। वहीं, 82 और लोगों की मौत के साथ पुणे में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,104 हो गई है।