सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले के गौ-अभयारण्य या कैटल सैंक्चुरी में उद्घाटन से पहले ही बड़ी संख्या में गायों की मौत ने खलबली मचा दी है। दरअसल जिले के नालागढ़ में बनी इस कैटल सैंक्चुरी का हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसी 28 फरवरी को उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उससे पहले ही यहां 13 गायों के मारे जाने की खबरें आ चुकी हैं।

क्यों मर रही है गायें 
कैटल सैंक्चुअरी में हो रही गायों की मौत से चिंतित गौरक्षकों ने सीएम  हेल्पलाइन 1100 पर शिकायत भी दर्ज कराई है। गौरक्षकों का कहना है कि गायों के ऊपर सैंक्चुअरी प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। उन्हें समय पर आहार नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण सैंक्चुअरी की गायें भूख के कारण दम तोड़ दे रही हैं। गौ रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष बीडी राणा का कहना है कि सैंक्चुअरी में खाने पीने की उचित व्यवस्था का अभाव है। इसलिए गायों की मौत हो रही है। इसको लेकर उन्होंने खुद सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी की है। 

हालांकि सैंक्चुअरी का प्रबंधन इन दावों की सिरे से खारिज कर रहा है। प्रबंधन ने यह बात ज़रूर मानी है कि सैंक्चुअरी में गायों की मौत हो रही है लेकिन भूख के कारण हो रही गायों की मौत के आरोप से सैंक्चुअरी प्रबंधन पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहा है। पशुपालन उपमंडल अधिकारी बीबी कारकरा का भी कुछ ऐसा ही मानना है। कारकरा का कहना है कि बीते 2 माह में 500 के करीब पशुओं को अलग-अलग जगहों से उठाकर कैटल सैंक्‍चुअरी में रखा गया है। सैंक्चुअरी लाने के दौरान पशुओं को गाड़ियों में चढ़ाते-उतारते भी चोट लग जाती है, जिसके कारण कुछ पशुओं की मौत हुई है। जब इन पशुओं को विभाग की टीम की ओर से इंजेक्शन देकर बेहोश किया जाता है, तो कई बार इंजेक्शन की वजह से पशुओं को उल्टी होनी शुरू हो जाती है और कई बार उल्टी सांस की नाली में फंस जाती है, जिसके कारण भी पशुओं की मौत सामने आई है। कुछ पशुओं की मौत निमोनिया की वजह से होने की बात भी सामने आ चुकी है। 

पशुओं की मौत के पीछे वजह जो भी हो लेकिन तीन करोड़ की भारी भरकम लागत से बनी इस कैटल सैंक्चुअरी में लगातार हो रही गायों की मौत लापरवाही की मिसाल तो पेश कर ही रही है। दरअसल, बीजेपी की कई राज्य सरकारों ने सत्ता में आने के बाद गौरक्षा के नाम पर ऐसे गौ-अभयारण्य या विशाल गौशालाएं बनाने के दावे किए हैं। ऐसा करने वालों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की बीजेपी सरकारें भी शामिल है। लेकिन इन सभी राज्यों में इन गौशालाओं या गौ-अभयारण्यों से समय-समय पर गायों की ठीक से देखभाल न किए जाने की खबरें आती रहती हैं। विपक्ष के नेता भी इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं।