नई दिल्ली। मोदी के कैबिनेट में पूर्व शिवसैनिक और पूर्व कांग्रेस नेता को भी जगह दी गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे पहले नारायण राणे ने शपथ ली है। वर्तमान में नारायण राणे राज्यसभा सांसद हैं। वे 8 महीने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 

नारायण राणे का राजनीतिक सफर शिवसेना से शुरू हुआ था। महाराष्ट्र में पहली बार जब बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार तब सरकार के अंतिम दिनों में नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाया गया। नारायण राणे 8 महीने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद पर रहे। 

2005 तक राणे शिवसेना से जुड़े रहे। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी राहें अलग करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया। महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान नारायण राणे राजस्व और उद्योग मंत्री भी रहे। लेकिन 2017 में जब उनका कांग्रेस से भी मोह भंग हो गया, तब उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के नाम से अपनी एक नई पार्टी बना ली। 

हालांकि नारायण राणे अपनी नई पार्टी के बैनर को ज़्यादा दिनों तक ढो नहीं पाए। 2018 में वे बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा पहुंचे।और 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में करा लिया।