नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के चलते एनडीए से नाता तोड़ने के लिए मजबूर हुए अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि एनडीए का गठबंधन अपनी विश्वसनीयता खो चुका था। बादल ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन बस नाम के लिए ही बचा है। 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बादल ने कहा कि पिछले 10 सालों से एनडीए सिर्फ नाम का ही है, उसमें कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ना तो कोई चर्चा होती है, ना ही मुलाकात और ना ही कोई योजना बनती है। बादल ने कहा कि उन्हें नहीं याद कि एक भी बार प्रधानमंत्री ने एनडीए की बैठक बुलाई हो और पूछा हो कि उनके साथी क्या सोचते हैं। गठबंधन सिर्फ कागज पर नहीं होता है।

बादल ने आगे कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय बीजेपी और अकाली दल के बीच घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता एनडीए के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और यह देखकर बड़ा दुख हो रहा है कि पुराना वाला एनडीए खत्म हो चुका है।

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि गठबंधन उसी तरह चलना चाहिए जिस तरह उनके पिता चलाते थे। वो हर फैसले से पहले बीजेपी को जरूर बताते थे। पंजाब में अकाली दल बड़ा  घटक है और बीजेपी का छोटा। फिर भी हमने बीजेपी को हमेशा अपने साथ रखा।

अकाली दल द्वारा एनडीए का साथ छोड़ने पर बीजेपी ने कहा था कि अगर प्रकाश सिंह बादल नेतृत्व कर रहे होते तो वे इस गठबंधन को बचाने के लिए दूरदृष्टि दिखाते। इस पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि गठबंधन तोड़ने का फैसला उनका नहीं है, बल्कि यह फैसला पार्टी की मीटिंग में लिया गया।