नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टाटा समूह से अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के नागपुर और उसके आसपास के इलाकों में निवेश की मांग की थी। गडकरी ने टाटा को इन इलाकों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे, भूमि की उपलब्धता और कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं का हवाला दिया था। बावजूद यह प्रोजेक्ट गुजरात के हिस्से चला गया है। गडकरी ने यह पत्र 7 अक्टूबर को लिखा था। लेकिन यह मीडिया में तब सामने आया जब टाटा ने एयरबस सी-295 परिवहन विमान प्रोजेक्ट वडोदरा के लिए ऐलान किया।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को 7 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में गडकरी ने नागपुर को टाटा ग्रुप (टाटा एयरबस) का हब बनाने का अनुरोध किया गया था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि, टाटा समूह के विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों के अनुरूप मिहान, नागपुर में एसईजेड और नॉन -एसईजेड दोनों भूमि उपलब्ध है। इसलिए इस स्थान पर टाटा समूह के विभिन्न उद्योगों के लिए एक बड़ा गोदाम बनाया जा सकता है। नितिन गडकरी नागपुर से ही लोकसभा के सांसद भी हैं। 

यह भी पढ़ें: बिहार के औरंगाबाद में बड़ा हादसा, छठ का प्रसाद बनाते वक्त सिलेंडर ब्लास्ट, 50 लोग झुलसे

बीते कुछ ही महीनों में यह चौथा बड़ा प्रोजेक्ट है जो महाराष्ट्र से गुजरात चला गया है। जबकि बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट नागपुर में आएगा। इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर एनसीपी और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार पर हमलावर है। उद्धव ठाकरे गुट की नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि पहले वेदांता फॉक्सकॉन, फिर मेडिकल डिवाइस पार्क उसके बाद बल्क ड्रग्स पार्क और अब टाटा-एयरबेस का प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र से बाहर चला गया है।

प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह जुलाई से ही इस बारे में आवाज उठा रहे थे। आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री चार प्रोजेक्ट्स के राज्य से बाहर जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे? बता दें कि यह प्रोजेक्ट 22 हजार करोड़ का है और इसके तहत C295 विमान बनाये जाने हैं। ऐसा पहली बार होगा जब निजी कंपनियां भारत में सैन्य विमान बनाएंगी। C295 को नागरिक और सैन्य उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।