कोटा। देश के सबसे बड़े कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में एक के बाद एक सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं। कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड किया है। इस तरह से हफ्तेभर में तीन कोचिंग छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या करने वाले की पहचान मनीष प्रजापति के रूप में हुई है। 17 साल का मनीष उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला था।

आजमगढ़ का रहने वाला मनीष पिछले छह महीने से कोटा के एक निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट में ज्वॉइन्ट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस साल कोटा में अब तक 21 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। इस साल कोटा में हर महीने औसतन तीन छात्रों ने आत्महत्या की है। ये आंकड़े डरावने हैं।

आत्महत्या की घटनाओं ने अभिभावकों को भी चिंतित कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18 छात्रों की मौत हुई, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 था।

बता दें कि हर साल देशभर से बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आते हैं। कोटा में मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में देश भर से दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं आते हैं। एक कोचिंग की सालाना फीस 2 से 3 लाख रुपए है। इसके अलावा कमरा, पीजी आदि सब कुछ भी महंगा है। ऊपर से इतनी भीड़ और पढ़ाई का तनाव। यही वजह है कि यहां छात्र आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं।