नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच लोकसभा में मंगलवार को कहा है कि भारतीय जवानों ने चीन के हर प्रयास को अपनी कुशलता से असफल कर दिया। हालांकि राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देश शान्ति पर सहमत हैं और यह मानते हैं कि किसी भी समस्या का हल बातचीत के जरिए ही निकलेगा। 



राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 जून को जब चीनी फौज की सीमा में घुसपैठ की कोशिश को हमारे जवानों के बलिदान ने नाकाम कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस झड़प के दौरान चीन को भी काफी नुकसान हुआ था। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीनी सेना ने 29 - 30 अगस्त को भी कुछ हरकत करने की कोशिश की थी लेकिन हमारे जवानों ने चीन की इस साजिश को भी नाकाम कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन का यह रवैया भारत को मंजूर नहीं है, लिहाज़ा चीन को एलएसी का सम्मान करना चाहिए। 



राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि सीमावर्ती इलाके में चीन ने सेना और हथियारों की भारी तैनाती की है लेकिन भारत ने भी अपनी सीमा में चीन का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए भारी तैनाती की है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे जवानों का हौसला बुलंद है और इसमें किसी को किसी प्रकार का कोई शक नहीं होना चाहिए।





राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सदन इस बात से भली भांति अवगत है कि चीन ने भारत की 38 हजार स्क्वायर किलोमीटर ज़मीन कब्जे में कर रखी है। इसके अलावा 1963 में चीन ने एक एग्रीमेंट के अनुसार पाकिस्तान को 5180 स्क्वायर किलोमीटर ज़मीन सौंप दी थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात और पांच सूत्रीय योजना पर सहमति की बात हो जाने के बावजूद गतिरोध वाले बिन्दुओं पर कोई बदलाव नहीं है। राजनाथ सिंह ने सीमा के ताज़ा हालात बताते हुए कहा कि दोनों देशों के सैनिक अपनी अपनी सीमा में कायम हैं।