नई दिल्ली। टीकाकरण की सुस्त रफ्तार को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को सच्चाई का सामना करने की हिदायत देते हुए कहा है कि दिसंबर के अंत तक भारत के सभी वयस्कों का टीकाकरण होने नहीं जा रहा है। कांग्रेस नेता ने टीकाकरण की सुस्त रफ्तार के लिये मोदी सरकार की लेटलतीफी को ज़िम्मेदार बताया है। 



कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार भले ही इसमें कोई दिलचस्पी न रखे लेकिन हमें सच्चाई का सामना करना चाहिये। चिदंबरम ने कहा कि 31 दिसंबर तक भारत के सभी 94 करोड़ वयस्कों का टीकाकरण नहीं होने जा रहा है। एक बहुत बड़ी आबादी साल के अंत तक वैक्सीन की दूसरी डोज़ से महरूम रहेगी। 



पी चिदंबरम ने वैक्सीन के बूस्टर डोज़ की नीति को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल खड़े किये। चिदंबरम ने कहा कि बूस्टर डोज़ के प्रस्ताव पर असमंजस की स्थिति बरकार है। चिदंबरम ने पूछा कि आखिर कोविशील्ड के लिये बूस्टर डोज़ कौन सी है? उम्मीद है कि बूस्टर डोज़ का मतलब कोविशील्ड के एक और डोज़ नहीं होगा। 





चिदंबरम ने मोदी सरकार द्वारा अतीत में लिये गये फैसलों की आलोचना करते हुए कहा कि देश मोदी सरकार की लेटलतीफी का ही खामियाज़ा भुगत रहा है। कांग्रेस नेता ने टीकाकरण को लेकर मोदी सरकार के फैसलों पर तंज कसते हुये कहा कि हम ऑर्डर देने में हुई देरी, देरी से हुये भुगतान, फायज़र और मोडर्ना को लाइसेंस ने देने और अपर्याप्त उत्पादन और सप्लाई की कीमत चुका रहे हैं। 



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मोदी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि साल के अंत तक सभी वयस्कों को टीका लग जाएगा। लेकिन मोदी सरकार के इस आश्वासन के विपरीत भारत में 18 वर्ष से ऊपर की एक बड़ी आबादी को अब भी वैक्सीन के दोनों डोज़ नहीं लगी है। वहीं आगामी तीन जनवरी से मोदी सरकार ने 15 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन की डोज़ लगवाने की अनुमति प्रदान कर दी है। जबकि आगामी दस जनवरी से वरिष्ठ नागरिकों और हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन की बूस्टर डोज़ लगाने के अनुमति होगी।