केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसान आंदोलन का 10वां दिन है। इस बीच विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के लोग भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। ब्रिटेन से लेकर यूरोप, कनाडा और अमेरिका समेत कई देशों में किसानों के हक के लिए आवाज उठना शुरू हो गई है।

अमेरिका के डेनवर में रहने वाले किरनपाल सिंह सिद्धू ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और किसानों के दर्द का समझता हूं। इसलिए मैं अपने दोस्तों के जरिए किसान आंदोलन के लिए कई बार आर्थिक मदद भेज चुका हूं और आगे भी भेजता रहूंगा। चाहे पैसे कितने भी क्यों ना खर्च हो जाए हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।

सिद्धू ने आगे कहा कि दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ जो किसान आंदोलन चल रहा है उसे काफी संख्या में लोगों का स्पोर्ट मिल रहा है। सिर्फ किसान ही इस लड़ाई को नहीं लड़ रहे हैं बल्कि यहां अमेरिका से हर तरह की मदद करने के लिए हम तैयार हैं। अगर सरकार कृषि कानूनों का वापस नहीं लेती है तो हम अपने-अपने गांवों को गोल ले लेंगे और किसानों की मदद करेंगे।

प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली आए पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले एक किसान ने बताया कि मेरे भाई कनाडा में रहते हैं और उन्होंने किसानों का पूरा समर्थन करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि किसान पैसों की चिंता ना करे, वे बादाम-दूध पीते रहे और धरने पर डटे रहे। वहीं लुधियाना से आए एक किसान ने बताया कि उनके दोस्त ने कनाडा से बीस हजार रुपए भेजे हैं। मेरे दोस्त ने आंदोलन के लिए गुप्त दान किया है। वह अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहता है।

हरियाणा से आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आए अनूप चनौत ने बताया कि अमेरिका और कनाडा में रहने वाले उनके दोस्तों ने किसानों की आर्थिक मदद के लिए संपर्क किया है, वे दोस्तों के जरिए किसानों तक पैसा पहुंचा रहे हैं। ब्रिटेन के लीड्स में रहने वाले जसप्रीत सिंह के मुताबिक, विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के लोग एनजीओ के माध्यम से पैसे भेजने के बजाय अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के जरिए पैसे भेज रहे हैं।

जसप्रीत सिंह ने बताया कि जब वे ऑफिस जाते हैं तो सोशल मीडिया के जरिए किसान आंदोलन के बारे में पढ़ते हैं। जसप्रीत ने कहा, ‘मेरे परिवार के लोग भी किसान आंदोलन में शामिल हैं। जब मैं उनकी तस्वीरें देखता हूं तो मेरा मन विचलित हो जाता है। मैं दिल्ली जाकर किसानों के आंदोलन में शामिल होना चाहता हूं, लेकिन घर वालों ने जाने से मना किया हुआ है।’

बताया जा रहा है कि किसानों के समर्थन के लिए विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के लोगों ने सोशल मीडिया पर कई ग्रुप बनाए हुए हैं। वे पल-पल की खबर ग्रुप के जरिए लेते रहते हैं। किसानों की आर्थिक मदद से लेकर दिल्ली तक पहुंचने में किसानों को आई दिक्कतों तक हर तरह की चर्चा इन ग्रुपों में होती है।