राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी है। वसुंधरा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज जनता को उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस, भाजपा पर और भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है। लेकिन इस रस्साकशी में नुकसान राजस्थान की जनता का हो रहा है। राजस्थान के राजनीतिक संकट के शुरू होने के एक हफ्ते के बाद वसुंधरा का यह पहला बयान है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब खुद वसुंधरा पर भाजपा की सहयोगी और राजस्थान की क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार की मदद करने का आरोप लगाया है। बेनीवाल को मोदी और शाह का करीबी माना जाता है। प्रदेश में इस वक्त कांग्रेस द्वारा जारी किे गे एक ऑडियो टेप को लेकर बवाल मचा हुआ है। 



राजे ने ट्वीट किया है कि, ‘‘ऐसे समय में जब राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 500 से अधिक मौत हो चुकी है और करीब 26,000 लोग संक्रमित मिल चुके हैं ... जब टिड्डियां हमारे किसानों के खेतों पर लगातार हमले कर रही हैं ... ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी हैं, ऐसे समय में कांग्रेस भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है।'



 







राजे ने कहा कि,‘‘सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए।’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘कभी तो जनता के बारे में सोचिए।’’



उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गिरफ्तार करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि वे पार्टी के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हैं। हालांकि शेखावत ने कहा है कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। शर्मा और भाजपा ने इस ऑडियो को फर्जी बताया है। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा ने फोन टैपिंग के लिए सीबीआई जांच की मांग भी की है। बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला भी कोर्ट में है, जिसपर सोमवार को सुनवाई होनी है।