राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ विधानसभा स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में तीन बजे सुनवाई हुई। कोर्ट में सचिन पायलट की ओर से याचिका में संशोधन के लिए समय मांगा। इसके बाद सुनवाई 5 बजे दोबारा शुरू हुई। मामला डबल बेंच को रेफर कर दिया गया है। इस मामले में आज सुनवाई स्थगित कर दी गई है। अब 17 जुलाई को दोपहर 1 बजे सुनवाई सम्भव है।  



सचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने विधायकों के नोटिस को रद्द करने की मांग की है जबकि कांग्रेस के लिए पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी कहा कि स्पीकर का फैसला सर्वोपरि है। इससे पहले दिन में समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार हाई कोर्ट ने सचिन पायलट को नई याचिका लगाने का समय दिया है। नई याचिका पर सुनवाई डिवीजनल बेंच में होगी।






 



गौरतलब है कि सचिन पायलट अपने 18 विधायकों के साथ कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने इन सभी लोगों को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि आखिर आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए। सभी विधायकों को तीन दिनों के भीतर इसका जवाब देना था। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया जा चुका है।



असल में विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी करते हुए पार्टी ने कहा था कि जो भी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ सचिन पायलट के खेमे ने इस व्हिप को यह कहते हुए मानने से इनकार कर दिया था कि विधानसभा सत्र चालू ना होने की स्थिति में यह व्हिप लागू नहीं होती। 



सचिन पायलट का राजस्थान हाई कोर्ट जाना यह बताता है कि कांग्रेस आलाकमान के तमाम प्रयासों के बाद भी गहलोत और पायलट के बीच सुलह नहीं हो पाई है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। कल पायलट ने जब यह जानकारी दी कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे तो उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हट जाने के बाद गहलोत कैंप ने उनके खिलाफ घेराबंदी की। दूसरी तरफ गहलोत ने अप्रत्यक्ष रूप से पायलट को राजस्थान सरकार गिराने के बीजेपी षड्यंत्र का हिस्सा होने और इस बात के सबूत मौजूद होने की बात कही। गहलोत ने पायलट पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि कोई अच्छी अंग्रेजी बोल लेने और हैंडसम होने से कुछ नहीं होता।



इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व ने 15 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सचिन के लिए घर के दरवाजे खुले हैं और वे वापस लौट आएं, लेकिन इसके लिए उन्हें हरियाणा में बीजेपी के मेजबानी वाले होटल से बाहर निकलना होगा।