कोलकाता। प्रधानमंत्री मोदी ने आज कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में चुनावी रैली की है। प्रधानमंत्री ने रैली के दौरान सीएम ममता बनर्जी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि इस बार दीदी का खेल खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं पीएम ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हां मैं सिर्फ अपने दोस्तों के लिए काम करता हूं, और आगे भी दोस्तों के लिए ही काम करता रहूंगा। देश के गरीब मेरे दोस्त हैं।

विपक्ष के नेता, खासतौर पर राहुल गांधी लगातार मोदी पर आरोप लगाते हैं कि वे देश के गरीबों के लिए नहीं, बल्कि अपने कुछ करीबी उद्योगपति दोस्तों के लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी का नाम लिए बिना राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब देने की कोशिश की है। मोदी ने कहा, 'मैं गरीबी में पला-बढ़ा, इसलिए गरीब लोग ही हमारे पक्के दोस्त भी बने, चाहे वो हिंदुस्तान के किसी भी कोने में क्यों न हो। मैं भली-भांति अपने गरीब दोस्तों के दुख-दर्द का अनुभव कर सकता हूं। इसलिए मैं दोस्तों के लिए काम करता हूं और मैं दोस्तों के लिए ही काम करता रहूंगा।'

पीएम मोदी ने दावा किया कि कोरोना काल में उन्होंने अपने दोस्तों यानी गरीब लोगों की खूब मदद की। उन्होंने कहा, 'कोरोना ने पूरी दुनिया में सबको परेशान किया। सबसे ज्यादा परेशान ये मेरे गरीब दोस्त ही हुए। इसलिए जब कोरोना आया तो मैंने अपने हर दोस्त को मुफ्त में राशन दिया, मुफ्त गैस सिलेंडर दिया और करोड़ों रुपये बैंक खाते में जमा करवाए। आज दुनिया में कोरोना वैक्सीन इतनी महंगी है, लेकिन मैंने अपने दोस्तों के लिए सरकारी अस्पताल में मुफ्त में टीका लगाने का प्रबंध किया।'

कोलकाता के चुनावी भाषण में मोदी ने ममता बनर्जी पर तंज करते हुए हाफ और साफ का नारा भी दिया। उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में आपने- चुप-चाप कमल छाप से कमाल किया। आपके एक वोट की ताकत आपने कश्मीर से लेकर अयोध्या तक देखी है। इस बार आपको जोर से छाप, TMC साफ के इरादे से आगे बढ़ना है।

नरेंद्र मोदी अपने भाषण में ममता बनर्जी पर निजी हमला करने से भी नहीं चूके। उन्होंने फिल्मी डायलॉग के अंदाज़ में कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में ममता का खेल खत्म हो जाएगा। ममता के परिवार के लोगों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, 'आज पश्चिम बंगाल के नौजवान, यहां के बेटे-बेटियां आपसे एक ही सवाल पूछ रहे हैं। उन्होंने आपको दीदी की भूमिका में चुना था, लेकिन आपने खुद को एक ही भतीजे की बुआ तक सीमित क्यों कर दिया? आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं?'

मोदी ने आज चुनावी भाषण में गरीबों के लिए काम करने और कोरोना महामारी के दौरान उनका पूरा ख्याल रखने का दावा ज़रूर किया, लेकिन अचानक थोपे गए लॉकडाउन के दौरान सामने आई दर्दनाक तस्वीरें उनके इस दावे पर सवालिया निशान लगाती हैं। लॉकडाउन के दौरान जब लाखों गरीब मज़दूर भूखे-प्यासे सड़कों पर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर रहे थे तो मोदी सरकार उनकी मदद में कहीं सामने नहीं आई थी। न जाने कितने लोगों ने सड़कों पर दम तोड़ दिया, कई लोग रेल की पटरियों पर पैदल चलते-चलते काल के गाल में समा गए। केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने इन गरीबों के लिए जगह-जगह पुलिस के लाठी-डंडों और जहरीले केमिकल से जबरन नहलाने का इंतजाम ज़रूर कर दिया था। बहरहाल, प्रधानमंत्री ने अपने चुनाव भाषण में ऐसे कई दावे किए जिन पर यकीन करने के लिए पिछले एक साल की तमाम घटनाओं को, किसान आंदोलन को और अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली को भुलाना पड़ेगा।