नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट के इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है। देशभर के कई वकीलों और जजों के बाद अब पूर्व अटॉर्नी जनरल भी प्रशांत भूषण के समर्थन में आ गए हैं। पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सजा न देने की अपील की है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी अदालत के इस फैसले की तीखी आलोचना की है।



पूर्व अटॉर्नी जनरल सोराबजी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील किया है कि प्रशांत भूषण को सजा नहीं दी जाए। उन्होंने कहा है कि भूषण को चुप कराने के बजाए जुडिशरी का भ्रष्टाचार को साबित करने का मौका देना चाहिए और उन्हें न्यायिक भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि अदालत को आलोचना स्वीकार करना आना चाहिए।



मामले में कांग्रेस नेता और दिग्गज वकील कपिल सिब्बल भी प्रशांत के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का तीखी आलोचना किया है। उन्होंने कोर्ट पर तंज कसते हुए कहा, 'कोर्ट अपनी शक्तियों का इस्तेमाल हथौड़े के रूप में कर रहा है। जब संविधान बचाने वाले संस्थानों की बात आती है तो न्यायालय असहाय क्यों हो जाता है, और कानून दिखाने लगता है। बड़े मुद्दे दांव पर हैं। इतिहास इसका फैसला करेगा।'





बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट के लिए बिना शर्त माफी मांगने के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया है। वहीं भूषण ने पहले ही क्षमा याचना से इंकार कर दिया है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि माफी मांगने की अवधि पूरा होने के बाद कोर्ट इस मामले पर क्या निर्णय लेता है।