नई दिल्ली/पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सीएम नीतीश और बीजेपी के रिश्तों के बीच एक बहुत बड़ा दावा किया है। पीके के मुताबिक खुद नीतीश की पार्टी जेडीयू ने यह तय किया था कि वह लोकसभा चुनाव 2019 के बाद भाजपा से अलग हो जाएगी लेकिन सीएम नीतीश के चलते पार्टी को अपना यह स्टैंड बदलना पड़ा। 

प्रशांत किशोर के मुताबिक जेडीयू ने अपने अंदरखाने में यह तय कर लिया था कि वह लोकसभा चुनाव के परिणाम आते ही बीजेपी से अलग हो जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने बिना लड़े ही बीजेपी को 30 सांसदों से घटाकर 17 पर कर दिया था।

बकौल प्रशांत किशोर तय था कि पार्टी जल्द ही बीजेपी से अलग हो जाएगी। लेकिन जैसे ही चुनावों के परिणाम आए तो सीएम नीतीश ने अपना मन बदल लिया। उन्होंने कहा कि अभी लग रहा है कि अभी मोदी की हवा है इसलिए थोड़े दिन और रुक जाते हैं। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि सीएम नीतीश ने एक बार नहीं तीन तीन बार धोखा दिया। पहले 2015 में छोड़कर भागे, फिर लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से अलग होने के वादे से पलट गए। इसके बाद CAA NRC के समय पार्टी में तय हुआ कि इस कानून का विरोध करना है लेकिन संसद में इसके पक्ष में वोट कर दिया। 

प्रशांत किशोर एक समय में जेडीयू के उपाध्यक्ष थे। लेकिन CAA NRC के मुद्दे पर अलग स्टैंड रखने की वजह से प्रशांत किशोर ने जेडीयू से बगावती रुख अख्तियार कर लिया था। इसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। प्रशांत किशोर फिलहाल बिहार में जनसुराज नामक अभियान चला रहे हैं और इसके ज़रिए राज्य में अपनी राजनीतिक संभावनाएं तलाश रहे हैं।