नई दिल्ली। देशभर के सभी सरकारी बैंक आज से अगले 4 दिन तक बंद हैं। बैंक यूनियनों ने सोमवार और मंगलवार को हड़ताल का एलान किया है। यह हड़ताल केंद्र सरकार की नीतियों और बैंकों के निजीकरण के विरोध में की जा रही है। जबकि आज महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण और कर रविवार के चलते बैंक बंद हैं। यानी अगले चार दिन तक सरकारी बैंकों के ग्राहकों को अगर कैश की ज़रूरत पड़ी तो उन्हें सिर्फ एटीएम के भरोसे रहना होगा।

बैंक यूनियनों की हड़ताल क्यों

सरकारी बैंकों के मर्जर, निजीकरण और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम के संयोजक प्रभात चौधरी ने बताया कि सरकारी बैंकों को प्राइवेट बनाने की योजना का सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इसी वजह से बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों की यूनियनों ने आगामी 15 और 16 मार्च को हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया है। हड़ताल की घोषणा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने किया है। इसमें कर्मचारियों एवं अधिकारियों के नौ संगठन शामिल है। इसके अलावा ग्रामीण बैंक भी इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं।

लगातार चार दिनों तक बैंक के बंद रहने से ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बैंक यूनियनों की हड़ताल तो दो दिन की ही है, लेकिन आज यानि मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है और 14 मार्च को रविवार है, इसलिए इन दोनों दिनों के दौरान भी सभी राज्यों में बैंक बंद रहेंगे। इसके बाद 15 और 16 मार्च 2021 को देश के सरकारी और ग्रामीण बैंकों की हड़ताल है, जिस वजह से लगातार चार दिनों तक बैंक बंद रहेगा। 

नौ बैंक यूनियनों के केंद्रीय संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने यह बंद बुलाया है। हड़ताल की वजह से सरकारी बैंकों का कामकाज काफी प्रभावित होगा। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का एलान किया था। केंद्र सरकार साल 2019 में पहले ही एलआईसी में आईडीबीआई बैंक का अधिकांश हिस्सा बेच चुकी है। इसके साथ ही पिछले चार सालों में 14 सार्वजनिक बैंकों का विलय हुआ है।