संगरूर। देश के किसान कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से इतने खफा हैं कि विरोध का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। पंजाब के संगरूर ज़िले के धूरी में एक किसान ने अपने बेटे की बारात किसान संगठन के झंडे के साथ निकाली। इतना ही नहीं इस दौरान किसान आंदोलन के समर्थन और मोदी सरकार के विरोध में नारे भी लगे। गांव भलवान के किसान गुरजंट सिंह ने कहा कि उन्हें बेटे की शादी की खुशी तो है, लेकिन जश्न के इस मौके पर भी हम किसान विरोधी कानून का अपना सबसे बड़ा मुद्दा नहीं छोड़ेंगे।

गुरजंट सिंह के बेटे बलजिंदर सिंह की शादी सुनाम की सिमरनप्रीत कौर के साथ थी, जिसका समारोह रविवार को सुनाम के महाराजा पैलेस में हो रहा था। शादी के इस कार्यक्रम में किसान आंदोलन का मुद्दा इस कदर छाया रहा कि डीजे ने गाने भी कृषि कानूनों पर कटाक्ष करने वाले ही बजाए। कुल मिलाकर शादी के इस समारोह में हर तरफ किसानों के मुद्दों की ही धूम थी। दूल्हा-दुल्हन दोनों किसान परिवार हैं और दोनों ही परिवारों का कहना है कि वह इस काले कानून को वापस करवाकर ही छोड़ेंगे। इस दौरान महिलाओं ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की और किसानों के संघर्ष से जुड़े गीत गाए और बजाए गए।

सोमवार सुबह किसान आंदोलन से जुड़े झंडों के साथ ही बारात को रवाना किया गया। दुल्हे बलजिंदर सिंह की कार पर भी किसान यूनियन का झंडा लगाया गया। बलजिंदर सिंह खुद दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन में शामिल रहे हैं। शादी की तैयारियों की वजह से उन्हें 28 नवंबर को वापस आना पड़ा। बलजिंदर का कहना है कि वह काफी लंबे समय से भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के साथ जुड़े हुए हैं और शादी से फुरसत पाने के लिए बाद फिर से पूरी तरह किसान आंदोलन के काम में जुट जाएंगे।