नई दिल्ली। नीट यूजी और नेट यूजीसी पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को छात्र संघ एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने अन्य छात्र नेताओं के साथ मिलकर नीट और नेट परीक्षा में कथित घोटाले के खिलाफ अपने विरोध को दर्शाने के लिए 500 रुपये के नकली नोट हवा में उछाले। प्रदर्शन के बाद एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
वरुण चौधरी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, 'धर्मेंद्र प्रधान के कार्यों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने इस घोटाले में पैसे लिए हैं। हम यह पैसा खुलेआम देने के लिए तैयार हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री को तुरंत राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्रालय से इन आरोपों की तुरंत जांच करने, एनटीए पर प्रतिबंध लगाने और छात्रों और जनता के बीच विश्वास बहाल करने के लिए सभी जिम्मेदार पक्षों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया।'
जाहिर है कि पहले नीट और अब यूजीसी नेट में पेपर लीक की खबरों से सरकार और एजेंसी पर छात्रों का गुस्सा फूट रहा है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर छात्र एनटीए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि दोनों परीक्षाओं में सीबीआई की जांच होनी चाहिए। साथ ही NTA को बर्खास्त करने की मांग हो रही है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) को परीक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (NCTAU) से कुछ इनपुट प्राप्त हुए थे। इनपुट मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय हरकत में आए और संबंधित एजेंसियों ने अपना काम करना शुरू कर दिया। भारत सरकार गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स डिवीजन ने विसंगतियों की कई शिकायतों के मिलने के बाद अपनी तफ्तीश शुरू कर दी थी। जांच में सामने आया कि शिक्षण संस्थाओं के ऑनलाइन चैट फोरम पर यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर और सॉल्व्ड पेपर के बारे में बातचीत चल रही है।