नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव हो या कई राज्यों में हुए उपचुनाव, कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के कामकाज में बड़े सुधार की ज़रूरत पर ज़ोर देने वाले 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने एक बार फिर अपनी चिंताओं और नाराज़गी का इज़हार किया है। कपिल सिब्बल ने अंग्रेजी अख़बार इण्डियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि देश के बड़े इलाकों में अब लोग कांग्रेस को एक विकल्प मानने को तैयार नहीं हैं और पार्टी भी जनता तक पहुंच बनाने में नाकाम रही है। सिब्बल ने यह भी कहा कि मेरे पास पार्टी में अपनी बात रखने की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है, इसलिए सार्वजनिक तौर पर यह सब कहना पड़ रहा है।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, 'देश के लोग, न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए, जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते। यह एक निष्कर्ष है।' सिब्बल यही नहीं रुके उन्होंने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए आगे कहा, जब कांग्रेस ने पिछले 6 वर्षों में आत्ममंथन नहीं किया, तो अब हम किस बात की उम्मीद करें। 

कपिल सिब्बल ने कहा कि ज़रूरत अब आत्मचिंतन से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने की है, क्योंकि समस्या क्या है यह हम सबको बता है। यह भी सब जानते हैं कि पार्टी में संगठनात्मक तौर पर क्या दिक्कत आ रही है। कहां ठीक करने की जरूरत है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे पास सभी जवाब हैं। सवाल उन पर आगे बढ़कर अमल करने का है। कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस ज़मीन पर उतरती हुई नहीं दिख रही है, लिहाज़ा जनता भी कांग्रेस पर विश्वास करने की इच्छुक नहीं दिखती।

सिब्बल ने यह भी कहा कि कांग्रेस में तमाम समस्याओं पर आपस में खुलकर बात करने, उनका समाधान तलाशने की ज़रूरत है, लेकिन ऐसा इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) समेत पार्टी के तमाम अहम अंग सिर्फ मनोनीत लोगों से भरे हैं। आप मनोनीत लोगों से खुलकर बातें करने की उम्मीद नहीं कर सकते। 

कपिल सिब्बल ने सुझाव देते हुए कहा कि पहले हमें बातचीत करनी होगी; अनुभवी दिमागों, अनुभवी हाथों के साथ, भारत की राजनीतिक वास्तविकताओं को समझने वाले लोगों के साथ, जो लोग जानते हैं कि मीडिया में क्या और कैसे स्पष्ट करना है, जो लोग जानते हैं कि लोगों तक कैसे बात पहुंचाई जाए। हमें सहयोगियों की जरूरत है, हमें लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। सिब्बल ने कहा कि हम इस उम्मीद में नहीं रह सकते कि जनता हमारे पास स्वयं आएगी। अब हम उस तरह की मज़बूत स्थिति में नहीं रह गए हैं, जैसे पहले हुआ करते थे। 

कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन 23 वरिष्ठ नेताओं में भी शामिल रहे हैं, जिन्होंने कुछ महीने पहले पार्टी में बड़े बदलावों की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए पार्टी नेतृत्व को चिट्ठी लिखी थी।