जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल हो जाने के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि सभी विधायकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। 8 अगस्त तक नोटिस के तामील करने की जिम्मेदारी जैसलमेर के एक डिस्ट्रिक्ट जज को दी गई है। बहुजन समाज पार्टी की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा है कि 11 अगस्त को इसका निस्तारण किया जाए यानि कि 11 अगस्त को इस पर सिंगल बेंच फैसला देगी। बहुजन समाज पार्टी के जो विधायक कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनको नोटिस देने के लिए बाड़मेर और जैसलमेर के अखबारों के एडिशन में नोटिस छपवाई जाएगी। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए ये छह विधायक इस समय जैसलमेर के एक होटल में हैं।

कोर्ट के इस फैसले को अशोक गहलोत के लिे राहत मानी जा रही है। क्योंकि कोर्ट ने विधायकों के खिलाप किसी तरह की कार्रवाई के आदेश नहीं दिए हैं। इस मामले में बसपा और राजस्थान बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका डाली थी। बसपा ने अपनी याचिका में कहा है कि जब तक मामला कोर्ट में है, तब तक छह विधायकों को बहुमत परीक्षण के दौरान किसी भी पक्ष में वोट नहीं डालने दिया जाए। बीएसपी और मदन दिलावर ने इस मामले को सिंगल बेंच में भी चुनौती दे रखी है। इससे पहले पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों से जवाब मांग था।

इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि गोवा में सभी कांग्रेस विधायकों का बीजेपी में विलय जायज़ था तो राजस्थान में यह गैरकानूनी कैसे है? उन्होंने सवाल उठाया था कि राजस्थान में अगर सभी बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए तो ये गलत कैसे है। राज्य का विधानसभा सत्र 14 अगस्त को शुरू होना है। राज्यपाल ने लंबी जद्दोजहद और चार बार की पेशकश के बाद सत्र की अनुमति दी थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार सत्र के दौरान बहुमत परीक्षण कर सकती है।