सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया है। पायलट के साथ दो मंत्रियों रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को भी कैबिनेट से हटा दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह घोषणा की। पायलट और उनके सहयोगियों के ऊपर तभी से कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे थे, जब वे आज राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की दूसरी बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है।



रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सचिन पायलट और उनके कुछ साथी बीजेपी के बहकावे में आ गए हैं और अब 8 करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं। यह अस्वीकार्य है।”



 





इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।”



 





इससे कांग्रेस विधायक दल की दूसरी बैठक के दौरान सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सचिन पायलट को उनके डेपुटी के तौर पर हटाने के लिए अधिकृत किया गया।



दूसरी तरफ पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके नेता सचिन पायलट का अपमान किया गया है और ऐसा करने वालों के खिलाफ वे कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में ऐसी गलत खबरें चल रही हैं कि हम ऊंचे पद चाहते हैं। विधायकों ने कहा कि वे बहुत समय से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहे हैं और पद के भूखे नहीं हैं। हम पार्टी के भीतर आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।