नई दिल्ली। भारत चीन तनाव पर राज्यसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन एलएसी को नहीं मानता है। सीमा पर हुईं हाल की झड़प बताती हैं कि चीन ने पहले हुए समझौतों की भी उपेक्षा की। भारतीय सेना द्वारा समय पर की गई कार्रवाई ने चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया और वह पैंगोंग त्सो में यथास्थिति को बदल नहीं पाया। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि चीन ने एलएसी पर युद्ध उपकरणों और भारी संख्या में सैनिकों की नियुक्ति की है लेकिन भारत किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटने वाला है, हमारी सेनाएं बेहतर स्थिति में हैं। चीन केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में गैरकानूनी तरीके से भारत की जमीन पर कब्जा किए हुए है। उन्होंने बताया कि चीन ने लद्दाख में 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर कब्जा किया हुआ है। या हिस्सा उस 5,180 वर्ग किलोमीटर के कब्जे से अलग है, जो पाकिस्तान ने पीओके से चीन को दिया था। वहीं अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने 90 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है।

Click: India China Tension भारतीय सेना ने चीन से युद्ध को लेकर दिया बयान वापस लिया

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में विश्वास करता आया है। लेकिन चीन ने सीमा पर सैनिकों को इकट्ठा कर 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन किया है, जबकि भारतीय सैनिकों ने संयम और शौर्य का परिचय दिया। 

रक्षामंत्री सिंह ने आगे कहा कि पहले भी चीन के साथ विवाद हुए हैं लेकिन उन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया गया हैं। यह विवाद भी हम बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन अगर कुछ अप्रिय होता है तो भारतीय सेना उसका सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।