नई दिल्‍ली। जाने-माने शास्त्रीय गायक पंडित जसराज नहीं रहे। उनका अमेरिका में निधन हो गया है। वह 90 वर्ष के थे। उनका जन्म 28 जनवरी 1930 को हुआ था। शास्‍त्रीय संगीत के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए उनको पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री से नवाजा गया है। 

पंडित जसराज शास्‍त्रीय संगीत के मेवाती घराने से ताल्‍लुक रखते थे। पंडित जसराज जब चार वर्ष उम्र में थे तभी उनके पिता पण्डित मोतीराम का देहान्त हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पण्डित मणीराम के संरक्षण में हुआ। 

जसराज ने संगीत की दुनिया में 80 वर्ष से अधिक समय बिताया और शिष्यों की कई पीढ़ियाँ तैयार कीं। जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत सिखाया है। शास्त्रीय संगीत के प्रदर्शन के अलावा, जसराज ने अर्ध-शास्त्रीय संगीत शैलियों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी काम किया है, जैसे हवेली संगीत, जिसमें मंदिरों में अर्द्ध -शास्त्रीय प्रदर्शन शामिल हैं। उन्हें कई प्रकार के दुर्लभ रागों को प्रस्तुत करने के लिए भी जाना जाता है जिनमें अबिरी टोडी और पाटदीपाकी शामिल हैं।

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