पटना/नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बाद बिहार में जो सियासी घमासान मचा है वो अब तक जारी है। आरजेडी नेता श्याम रजक के बाद अब मृत्युंजय तिवारी भी मैदान में उतर आए हैं। मृत्युंजय तिवारी ने रजक से एक कदम आगे बढ़ते हुए जेडीयू को खुली चुनौती दे डाली है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि आरजेडी में टूट तो तय है। जेडीयू चाहे तो अपनी पार्टी को टूटने से बचा ले। 

दरअसल आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने यह बात एक हिंदी न्यूज चैनल के पैनल में बैठकर कही है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेडीयू में टूट होना तय है। नीतीश कुमार की पार्टी चाहे तो अपने विधायकों को बचा ले। लेकिन जल्द ही जेडीयू के विधायक आरजेडी में शामिल होने वाले हैं।

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हालांकि जेडीयू में टूट को लेकर किए जा रहे दावों को नीतीश कुमार ने सिरे से खारिज किया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि यह सभी दावे बेबुनियाद हैं। लेकिन पिछले दो दिन से श्याम रजक का जेडीयू में टूट का दावा बिहार की सियासत में उथल पुथल पैदा कर चुका है। और अब मृत्युंजय तिवारी की चुनौती ने इस सियासी घमासान को और बढ़ा दिया है। हालांकि इस मसले पर आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में दोनों नेताओं के दावे को आरजेडी की पार्टी लाइन समझा नहीं जा सकता। लेकिन चूंकि दोनों ही नेता आरजेडी के बड़े नेताओं में आते हैं, ऐसे में उनके दावे और उनकी चुनौती को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। 

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श्याम रजक और मृत्युंजय तिवारी के बयानों के अलावा बरसों तक नीतीश और लालू दोनों के साथ रहे आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी तो यहां तक यहां तक कह चुके हैं कि नीतीश को बीजेपी दरकिनार कर रही है। उधर बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी कह चुके हैं कि नीतीश को बीजेपी का साथ छोड़ आरजेडी में शामिल हो जाना चाहिए, और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाकर खुद विपक्ष का नेता बनकर केन्द्रीय राजनीति का नेतृत्व करना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बाद बिहार के राजनीति हलकों में इस बात की चर्चा भी थी कि आरजेडी ने नीतीश को महागठबंधन का हिस्सा बनने का ऑफर दिया है।