एमपी की भाजपा सरकार में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के फैसलों को बदलने का क्रम जारी है। शिवराज सरकार ने आयोगों में की गई नियुक्तियों को रद्द करने के साथ कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए फैसलों को रोक दिया है। अब मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि सलाहकार परिषद को निरस्त करने का आदेश जारी किया है।

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गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा शासनकाल के 12 साल पुराने राज्य कृषक आयोग को बदल कर 5 फरवरी 2020 को कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया था। तय किया गया था कि कृषि सलाहकार परिषद खेती को लाभ का धंधा बनाने तथा प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के संबंध में किसानों के फीडबेक के आधार पर राज्य सरकार को सुझाव देगी और अनुशंसा करेगी। कृषक ऋण माफी योजना की निगरानी तथा इसके क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को पता कर उनके निराकरण के सुझाव देने का जिम्‍मा भी परिषद का ही था। परिषद को फसल मूल्यों, बीज की उपलब्धता, मण्डी की सुविधाओं के संबंध में किसानों से राय लेकर सरकार को सुझाव देने का काम दिया गया था। अब सत्ता में आते ही भाजपा ने इस परिषद को ही रद्द कर दिया है।

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इसके पहले माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय प‍त्रकारिता विश्विविद्यालय के कुलपति तथा संविदा प्रोफेसरों से इस्‍तीफे मांग लिए गए थे। इनके अलावा संस्‍कृति विभाग द्वारा विभिन्‍न अकादेमियों में की गई नियुक्तियां भी रद्द कर दी गई है।