नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस एनवी रमन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है। पिछले दिनों ही सरकार ने उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम भेजने को कहा था। चीफ जस्टिस एसए बोबडे 23 अप्रैल को अपने पद से रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में एनवी रमन्ना शीर्ष अदालत का अगला चीफ जस्टिस बनना तय माना जा रहा है।

जस्टिस नाथुलापति वेकट रमन्ना के ही बेंच ने जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट प्रतिबंधों पर यह फैसला दिया था कि इंटरनेट के निलंबन को तुरंत समीक्षा करनी चाहिए। इसके बाद केंद्र सरकार को प्रतिबंध हटाना पड़ा था। जस्टिस रमना उन पांच जजों की बेंच का भी हिस्सा थे, जिसने कहा था कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का ऑफिस RTI के तहत आएगा।

माना जा रहा है कि ये सिफारिश करने से पहले सीजेआई बोबडे ने जस्टिस रमना के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री वाइएस जगमोहन रेड्डी की शिकायत को खारिज किया है। दरअसल, जस्टिस रमन्ना हाल ही में तब विवादों में आए थे जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखकर जस्टिस एनवी रमन्ना के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाते हुए दावा किया था सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज उनकी सरकार को गिराने की साजिश कर रहे हैं।

वाइएस जगमोहन रेड्डी ने यह भी दावा किया था कि जस्टिस रमन्ना टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ अपने करीबी रिश्तों के चलते आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की पीठों को प्रभावित कर रहे हैं। बता दें कि किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले एनवी रमन्ना, जिस दौरान चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान जस्टिस रमन्ना आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल हुआ करते थे। 

रमन्ना ने साइंस और लॉ में ग्रेजुएशन किया है। वह साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस रहे। वे दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। उन्हें 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। सीजेआई बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर होने जा रहे हैं, जिसके बाद रमन्ना इस पद का दायित्व संभालेंगे। रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त 2022 को खत्म होगा।