नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे कोरोना संकट के दौरान अकेले रहने वाले सभी वरिष्ठ नागरिकों को समय पर वृद्धावस्था पेंशन, मास्क, सैनिटाइजर और दूसरी जरूरी सेवाएं प्रदान करने का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि वृद्ध व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण के हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं। मतलब संक्रमण से मौत होने का खतरा उन्हें अधिक होता है। अधिक उम्र के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है और साथ ही उन्हें कई बीमारियां भी हो जाती हैं। ऐसे में उनका ध्यान रखा जाना खासा जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आया है। दुनिया भर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों में वृद्ध व्यक्तियों का अनुपात बहुत अधिक है। हालांकि, कई युवा भी इस संक्रमण का शिकार हुए हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में युवा इस वायरस से उबर जा रहे हैं।

वृद्ध लोगों को एक खतरा और भी है। कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि अगर अधिक उम्र वाले लोग कोरोना संक्रमण से ठीक भी जाते हैं तो उनके फेफड़ों से लेकर हृदय तक पर इसका असर पड़ता है। कई मामलों में सामने आया है कि कोरोना से उबरने के बाद व्यक्तियों की हृदयघात या खून का थक्का जम जाने से मौत हो गई।