कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में गए दलबदलू नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उम्मीदवारी रद्द किए जाने की मांग की है। अधिकारी का आरोप है कि ममता बनर्जी ने अपने ऊपर चल रहे आपराधिक मुकदमों की पूरी जानकारी नामांकन करते समय नहीं दी है। नंदीग्राम शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वहां से नामांकन करके अधिकारी को मुश्किल में डाल दिया है। ऐसे में अगर शुभेंदु अधिकारी किसी तरह ममता बनर्जी का नामांकन रद्द करवाने में कामयाब हो गए तो यह उनके लिए बड़ी राहत की बात होगी। 

शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि ममता बनर्जी ने  नंदीग्राम में नामांकन करते समय पेश किए गए हलफनामे में उन सभी आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है, जो उनके खिलाफ दायर हैं। लिहाजा नंदीग्राम से उनकी उम्मीदवारी रद्द की जाए। अधिकारी का दावा है कि ममता पर कुल 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से पांच मामले असम में और सीबीआई का एक केस बंगाल में दर्ज है। ममता ने इन सभी मामलों को अपने चुनावी हलफनामे में जगह नहीं दी है। 

अधिकारी ने मीडिया से कहा है कि वे अभी इंतज़ार करेंगे कि आयोग ममता की उम्मीदवारी को रद्द करता है या नहीं। मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि किसी भी उम्मीदवार को अपने चुनावी हलफनामे में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अगर कोई उम्मीदवार ये जानकारी छिपाता है तो उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है। 

नंदीग्राम में एक अप्रैल को मतदान होने हैं। शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लंबे समय तक यहां से चुनाव जीतते रहे हैं। लेकिन इस बार वे दलबदलू उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी के टिकट पर जनता के बीच वोट मांगने जाएंगे। वो भी प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ। जाहिर है इस बार उनके लिए राह बेहद मुश्किल है। ममता बनर्जी को 10 मार्च को नंदीग्राम में पर्चा दाखिल करने के बाद चुनाव प्रचार करते समय ही चोट लगी थी। जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती भी रहना पड़ा। लेकिन अस्पताल से बाहर आने के बाद वे व्हील चेयर से ही चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।