अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से शुरू हो गया है। गुजरात में 64 साल बाद पार्टी यह कार्यक्रम कर रही है। कांग्रेस इस दो दिवसीय अधिवेशन में संगठन सृजन और जवाबदेही पर जोर देने के साथ ही पार्टी के सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने और आगामी विधानसभा चुनावों रूपरेखा तय करेगी। अधिवेशन के दौरान कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी और RSS पर जमकर हमला बोला।

अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, 'यह साल महात्मा गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलंगाव कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। यह शताब्दी समारोह हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में मनाया। साथियों, गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनिया भर में रोशन किया। दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल- ये सभी हमारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे।'

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खड़गे ने आगे कहा, 'गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। ये इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि इसके सामने कोई ताकत टिक नहीं सकती। आज Communal Division करके देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है। दूसरी तरफ़ Oligarchic Monopoly देश के संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं। साथियों, गांधीजी के नेतृत्व में जैसे चम्पारण सत्याग्रह सफल रहा था और उसने गांव-गांव में कांग्रेस की जड़ो को जमाने में मदद की वैसे ही गुजरात में सरदार पटेल के नेतृत्व में चला बारडोली सत्याग्रह और दूसरे किसान आंदोलन इतिहास में अमर हैं।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'इसी साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जी की 150 वीं जयंती है। नेहरू जी उनको “भारत की एकता का संस्थापक” कहते थे। उनकी 150 वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मनाएँगे। सरदार साहेब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस में मौलिक अधिकारों पर जो प्रस्ताव पारित हुए थे वह भारतीय संविधान की आत्मा है। सरदार पटेल संविधान सभा की महत्वपूर्ण ‘Advisory Committee on Fundamental Rights, Minorities and Tribal and excluded areas’ के अध्यक्ष थे।साथियों, पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है।'

खड़गे ने आगे कहा, '140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। ये काम वे लोग कर रहे है जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने को कुछ भी नहीं है। आजादी को लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है। वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं। मैं 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल के एक भाषण का ख़ास जिक्र करना चाहूंगा। उस दौरान नेहरू जी कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गुजरात के नौजवान चाहते थे कि प्रांतीय चुनाव में प्रचार के लिए नेहरू जी को बुलाया जाए।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा कि “जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी बन कर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित कर देगा उस दिन हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू जी का फूलों से स्वागत करेंगे और ह्रदय बिछा कर उनकी आगवानी करेंगे।” नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे आप इससे समझ सकते हैं। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू जी के अभिनंदन ग्रंथ में कहा था कि "पिछले दो कठिन सालों में नेहरू जी ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है। ये बातें Public record में दर्ज है। दोनों के बीच लगभग रोज़पत्र-व्यवहार होता था। नेहरू जी तमाम विषयों में उनकी सलाह लेते थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पटेल साहब के प्रति नेहरूजी के मन में अपार आदर था। उनको कुछ सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल जी के घर जाते थे। पटेल जी की सुविधा के लिए CWC की बैठकें उनके निवास पर रखी जाती थीं। साथियों, सरदार पटेल की विचारधारा RSS के विचारों के विपरीत थी। उन्होने तो RSS पर बैन लगा दिया था। लेकिन हँसी आती है कि आज उस संस्था के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं। बाबासाहेब डॉ० अम्बेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में गाँधी जी और सरदार पटेल की अहम भूमिका थी। डा० अम्बेडकर ने ख़ुद 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अपने अंतिम भाषण में कहा था कि “कांग्रेस पार्टी के सहयोग के बिना संविधान नहीं बन सकता था।”

खड़गे ने आगे कहा, 'जब संविधान बना तो RSS ने गाँधी जी, पंडित नेहरु, डॉ० अम्बेडकर और कांग्रेस की बहुत आलोचना की। रामलीला मैदान पर संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए। ये भी कहा कि संविधान में मनुवादी आदर्शों से प्रेरणा नहीं ली गई। मोदी सरकार ने संसद परिसर में गांधी जी और बाबासाहेब की भव्य मूर्ति को उठा कर एक कोने में डाल कर उनका अपमान किया। गृहमंत्री ने राज्य सभा में ये कह कर बाबासाहेब का मजाक उड़ाया कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते हैं, अगर इतना नाम भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है।' 

कांग्रेस अध्यक्ष ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढा रहे हैं। CWC की यह बैठक हमने अहमदाबाद में ‘Sardar Patel Museum’ मेंइ सी सोच से रखी है। हम उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज बीजेपी और संघ परिवार के लोग गाँधी जी से जुड़े संस्थानो पर कब्जा कर उसे उन्ही के वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे है। वाराणसी में भी सर्व सेवा संघ पर इन्होने कब्जा कर लिया है। गुजरात विद्यापीठ में क्या हुआ आप लोग जानते ही हैं। गांधीवादी लोग और सहकारिता आंदोलन के लोग Marginalise किये जा रहे हैं। ऐसी सोच के लोग गाँधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं। लेकिन उनके आदर्शों पर कभी नहीं चल सकते। गांधी जी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के पास है।

खड़गे ने अपने वक्तव्य के आखिर में कहा, 'कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं। हमारी असली शक्ति हमारी देश की एकता और अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है। लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें। अपने संगठन को मज़बूत करें। आखिर में मै अपनी बात सरदार पटेल जी के एक Quotation से ही समाप्त करूंगा। उन्होंने कहा था कि - “संगठन के बिना संख्या बल बेकार है। बिना संगठन के संख्या बल असली बल नही है। सूत के धागे अलग-अलग रहते हैं तो अलग बात होती है। पर जब वे बडी संख्या में एकत्र होते हैं तो कपड़े का स्वरूप धारण कर लेते हैं। तब उनकी मजबूती, सुंदरता और उपयोगिता अद्भुत हो जाती है।” कल कांग्रेस के अधिवेशन में हमें बहुत सी बातें कहने और सुनने का मौका मिलेगा। पार्टी के समक्ष चुनौतियोँ पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे।'