पटना। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के उस ट्वीट को हटा दिया है, जिसमें उन्होंने लालू यादव के कथित फोन नंबर को सार्वजनिक किया था। ट्विटर के मुताबिक सुशील मोदी के इस ट्वीट ने ट्विटर के नियमों का उल्लंघन किया था, लिहाज़ा मोदी के ट्वीट को हटाया गया है। 

हाल ही में सुशील मोदी ने लालू यादव का एक कथित नंबर सार्वजनिक करते हुए ट्वीट किया था कि चारा घोटाले के एक मामले सजायाफ्ता लालू यादव रांची के जेल से ही एनडीए के विधायकों को मंत्री पद का लालच दे रहे हैं। बीजेपी विधायक ललन पासवान ने भी लालू यादव द्वारा उन्हें प्रलोभन देने की बात कबूली थी। 

दरअसल बुधवार को बिहार विधानसभा स्पीकर का चुनाव होना था। इससे ठीक एक दिन पहले सुशील मोदी ने ट्विटर के जरिए बताया कि लालू यादव ने एनडीए के विधायकों को फोन किया है। और लालू यादव स्पीकर के चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के एवज में बीजेपी विधायक ललन पासवान को मंत्री पद का प्रलोभन दिया है। 

सुशील मोदी ने इसके बाद एक और ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लालू यादव ललन पासवान की कथित तौर पर बातचीत का ऑडियो साझा किया था। जिसमें लालू कथित तौर पर ललन पासवान से कोरोना का बहाना बनाकर विधानसभा में स्पीकर के चुनाव के दौरान अनुपस्थित होने के लिए कहा था। हालांकि सुशील मोदी के इस ट्वीट को ट्विटर ने अभी तक बरकरार रखा है। 

इस पूरे घटनाक्रम में लालू यादव पर सरकार गिराने की साजिश करने के आरोपों पर आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आरजेडी ने कहा है कि जब सुशील मोदी और लालू यादव के बीच भी बातचीत हुई है तो सुशील मोदी अपनी बातचीत का ऑडियो क्यों नहीं साझा कर रहे हैं ? बता दें कि सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा था कि जब बीजेपी विधायक ललन पासवान ने उनसे कथित तौर पर लालू यादव के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया तब सुशील मोदी ने लालू यादव से खुद उसी नंबर पर संपर्क किया था और उनसे ऐसे हथकंडे नहीं अपनाने के लिए कहा था।