वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे से पहले वाराणसी प्रशासन ने एकरूपता दर्शाने को आधार बनाकर एक मस्जिद के रंग में रातोंरात बदलाव कर दिया। वाराणसी विकास प्राधिकरण पर आरोप है कि उसने एक मस्जिद को बिना सूचित किए गेरुआ रंग से रंग दिया। मस्जिद के रंग में किए गए बदलाव का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वाराणसी प्रशासन पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने की साजिश रचने का आरोप लग रहा है। 

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 दिसम्बर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए वाराणसी आने वाले हैं। पीएम के आगमन से पहले वाराणसी विकास प्राधिकरण विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को गेरुआ रंग में रंगा जा रहा है। वाराणसी प्रशासन एकरूपता दर्शाने के कथित उद्देश्य से ऐसा कर रहा है।

एकरूपता दर्शाने के इसी कथित उद्देश्य से वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शहर के बुलानाला स्थित एक मस्जिद को रातों रात बदल दिया। पहले मस्जिद सफेद रंग की थी, लेकिन अब यह गेरुआ रंग में रंग दिया गया है। मस्जिद की देखरेख करने वाली कमेटी ने वाराणसी प्रशासन पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने की साजिश रचने और वाराणसी की एकता को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है। 

मस्जिद कमेटी के सदस्य मोहम्मद एजाज ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल को बताया कि मस्जिद के रंग में बदलाव करने से पहले किसी को सूचित नहीं किया गया। इलाके में अन्य धार्मिक स्थल भी हैं, लेकिन उन्हें गेरुआ रंग से रंगा नहीं गया। जिससे यह स्पष्ट होता है कि एक सुनियोजित रणनीति के तहत मस्जिद के रंग को बदला गया है। मोहम्मद एजाज ने बताया कि इस सिलसिले में काशी विश्वनाथ मंदिर में आपत्ति दर्ज कराई गई है। लेकिन अब तक इस मामले को लेकर डीएम से मुलाकात नहीं हो पाई। 

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मस्जिद कमेटी अब इस मस्जिद वापस पुराने रंग में रंगने की तैयारी कर रही है। मोहम्मद एजाज ने कहा कि मस्जिद को वापस से सफेद रंग में रंगा जाएगा। कमेटी खुद के ही खर्चे पर मस्जिद को उसके पुराने स्वरूप में परिवर्तित कराएगी। स्थानीय दुकानदार धीरज अग्रवाल ने भी एक हिंदी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की। दुकानदार ने कहा कि मनमाने ढंग से मस्जिद के रंग में बदलाव कर दिया गया। जानबूझकर वाराणसी का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।